दिल्ली:- केंद्र में काबिज भारतीय जनता पार्टी द्वारा गरीबों की बीमारियों को देखते हुए आयुष्मान कार्ड से रूपये 5 लाख के इलाज की सालाना निशुल्क योजना जारी की गई है लेकिन कहीं आपके साथ भी तो आयुष्मान कार्ड के नाम पर धोखा तो नहीं हो रहा है?
अधिकतर मामलों में देखा गया है कि मध्य प्रदेश के कई इलाकों में आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी गरीबों को इलाज नहीं मिल पा रहा है हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना में कई तरीके की बीमारियों के पैकेज को जोड़ा गया है लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल पैकेज में बीमारी शामिल ना होने का हवाला देकर के आयुष्मान कार्ड से इलाज ना करने की बात कह देते हैं अधिकतर गरीब जनता में पीलिया, हीमोग्लोबिन की कमी, हार्निया, लीवर में सूजन आदि बीमारियों को अधिक देखा गया है गरीब जनता के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी इन बीमारियों का इलाज मध्य प्रदेश के अधिकतम प्राइवेट हॉस्पिटल में नहीं किया जा रहा है दलीलें दी जा रही हैं कि पैकेज में इन बीमारियों को शामिल नहीं किया गया है वही उत्तर प्रदेश में आयुष्मान कार्ड पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा रहा है लेकिन मध्य प्रदेश के कई प्राइवेट हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड के द्वारा मोतियाबिंद का भी इलाज का पैकेज शामिल ना होने की बात की जा रही है केंद्र सरकार की आयुष्मान कार्ड द्वारा गरीब जनता को रूपये 5 लाख सालाना का निशुल्क इलाज की योजना बेहतर योजना है लेकिन जमीनी स्तर पर इस योजना का कितना क्रियान्वयन हो रहा है इस पर सरकार को अध्ययन करने की जरूरत है क्योंकि जिस गरीब जनता के लिए शासन में यह योजना बनाई है उस गरीब जनता को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और आयुष्मान कार्ड के नाम पर जनता के साथ धोखा होने में लगा हुआ है