भिण्ड :-मिहोना तहसील के ग्राम गुढ़ा (जेतपुरा) में राजावत परिवार के सानिध्य में चल रही कथा के छठवें दिन की कथा का विस्तार से विवेचन करते हुए परम श्रद्धेय व्यासाचार्य श्री श्री रामप्रकाश व्यास जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्री कृष्ण की मथुरा लीला जीव के हृदयान्धकार को नष्ट कर ज्ञान का विकास करती है। जिस ज्ञान के माध्यम से जीव पूर्ण ब्रम्हा श्रीकृष्ण से साक्षात्कार करता है मथुरा लीला प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा श्रीकृष्ण ने अपनी मथुरा लीला ने में अज्ञान रूपी कंस का उद्धार कर ज्ञान का सम्बर्धन किया। यहाँ तक कि साक्षात् बृहस्पति के शिष्य उद्धव जी के ज्ञान को प्रभु ने गोपियों के द्वारा भक्त्ति का चादर उड़ाकर परिपूर्ण किया। स्वयं परमात्मा श्रीकृष्ण ने अपनी मथुरा लीला में ही गुरू सान्दीपनि के सान्निध्य में चौसठ दिनों तक रहकर ज्ञान प्राप्त किया अतः प्रभु की मथुरा लीला श्रवण करने मात्र से भक्त्त के हृदय में ज्ञान का उदय होता है। उन्होंने बताया कि यदि बिद्यार्थी अपने अध्ययन काल में यदि प्रभु की मथुरा लीला को श्रवण करता है तो निश्चित रूप से विद्या के क्षेत्र में उसे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है विशेष महोत्सव के रूप में श्री रूक्मिणी विवाह महोत्सव बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया इस प्रसंग पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि श्री रूक्मिणी जी ने अपने जीवन में किये हुए सत्कार का फल केवल प्रभु को ही माँगा इस मौके पर कथा पारीक्षत श्रीमति सरला शिवपाल सिंह राजावत (उप पुलिस अधीक्षक मध्य प्रदेश पुलिस) एवम उनके छोटे भाई शिशुपाल सिंह राजावत (शिक्षक) ने सभी भक्तजनों से प्रार्थना की है कि अधिक से अधिक संख्या में कथामृत पान कर अपने जीवन को सफल बनायें
ये रहे मोजूद
पंडित श्री उमा शंकर शास्त्री गुना, संतोष बोहरे पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मिहोना, बद्रीनारायण शर्मा पुजारी हनुमानगढ़ी, हरी बाबू निराला ब्रेस्ट साहित्यकार, सत्यनारायण शर्मा जिला अध्यक्ष पत्रकार संघ , नीरज शर्मा पत्रकार मिहोना, श्याम सिंह तोमर, मनोज सिंह यादव , परमाल सिंह राजावत पूर्व सरपंच जेतपुरा ( गुड़ा) आज की कथा में मौजूद रहे