कुंजविहारी कोरब भिण्ड:-नगर दबोह के समीप ग्राम धौरका में 29 कुण्डीय श्री राधाकृष्ण महायज्ञ सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन प्रारम्भ, यज्ञ में कथा के तीसरे दिवस श्रीजी प्रियंका शास्त्रीजी ने श्रीमद् भागवत महापुराण की अमृत वर्षा से भक्तो कृतारित किया श्रीजी प्रियंका शास्त्रीजी ने श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शुकदेव जन्म, परीक्षित श्राप और अमर कथा का वर्णन करते हुए बताया कि नारद जी के कहने पर पार्वती जी ने भगवान शिव से पूछा कि उनके गले में जो मुंडमाला है वह किसकी है तो भोलेनाथ ने बताया कि वह मुंड किसी और के नहीं बल्कि स्वयं पार्वती जी के हैं हर जन्म में पार्वती जी विभिन्न रूपों में शिव की पत्नी के रूप में जब भी देह त्याग करती शंकर जी उनके मुंड को अपने गले में धारण कर लेती हैं पार्वती ने हंसते हुए कहा हर जन्म में क्या मैं ही मरती हूं आप क्यों नहीं शंकर जी ने कहा कि हमने अमर कथा सुनी है पार्वती जी ने कहा कि मुझे भी वह अमर कथा सबसे अच्छी शंकर जी पार्वती जी को अमर कथा सुनाने लगे शिव-पार्वती के अलावा सिर्फ एक तोते का अँगूठा था जो कथा के प्रभाव से फूटा था उसमें से श्री सुखदेव जी का प्राकट्य हुआ कथा अनेक पार्वती जी सो गई वह पूरी कथा श्री सुखदेव जी ने सुनी और अमर हो गए शंकर जी सुखदेव जी के उनके पीछे मृत्यु देने के लिए दौड़ रहे हैं सुखदेव जी भागते हुए व्यास जी के करीब पहुंच गए और उनकी पत्नी के मुंह से गर्भ में प्रविष्ट हो गए 12 साल बाद श्री सुखदेव जी गर्व से निकले इस तरह श्री सुखदेव जी का जन्म हुआ कथा व्यास श्रीजी प्रियंका शास्त्री जी ने बताया कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बताती है राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का स्वर प्राप्त हुआ समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं कथा व्यास जी ने कहा कि भागवत के चार अक्षरलेखक यह है कि भा से भक्ति, जी से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करते हैं उसे हम भागवत कहते हैं इसके साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है क्यों कि दुख में ही तो गोविन्द का दर्शन होता है जीवन की अन्तिम बेला में दादा भीम गोपाल का दर्शन करते हुए अद्भुत देह त्याग का वर्णन किया साथ में परीक्षित को श्राप कैसे लगा और भगवान श्री शुकदेव ने मुक्ति प्रदान करने के लिए कैसे प्रगट प्रविष्टि आदि का ब्योरा विवरण दिया साथ ही श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ भक्ति और जीव को परम पद प्राप्त करने की प्राथमिकता है उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है इसके एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हैं उन्होंने कहा कि कथा समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से अधिक है कथा सुनने वाले भक्त भाव विभोर हो गए कहानी के बीच में मेरी लगी श्याम संग प्रीति और मां की ममता के महत्व का भजन सुनकर भक्त आत्मसात हो गये
नागेश्वर आश्रम में वैदिक मंत्रों की गूंज
यज्ञाचार्य शिवम् शास्त्री श्रीधाम वृन्दावन ने बताया नागेश्वर आश्रम धौरका में वैदिक मंत्रों की गूंज में विद्वान ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज व हवन से उठने वाले धुएं से चारों दिशाएं पावन हो रही हैं एक तरफ यज्ञ तो दूसरी तरफ श्रीमद भागवत कथा प्रवचन रामलीला का कार्यक्रम चल रहा है ग्राम धौरका में दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भीड़ प्रवचन सुनने के लिए उमड़ रही है तीसरे दिन यज्ञ प्रबंधक चंद्रशेखर कुशवाहा भगत जी समस्त क्षेत्रवासिओ से अपील की 29 कुण्डीय श्री राधाकृष्ण महायज्ञ सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन आप सभी सनातन धर्म प्रेमी श्रद्धालु भक्तों को यह जानकर पर हर्ष होगा कि सुश्री प्रियंका शास्त्रीजी के मुखारविन्द से “श्रीमद् भागवत महापुराण ” की अमृत वर्षा संत प्रवचन एवं राम कथा का आयोजन किया जा रहा है आप सभी भक्तजनों एवं श्रद्धालुओं से आग्रह है कि इस पुण्य अवसर पर निम्न कार्यक्रमानुसार सपरिवार एवं इष्ट मित्रों सहित उपस्थित होकर ज्ञानार्जन एवं पुण्य के भागी बनें तथा कार्यक्रम को सफल बनाए आप सभी सादर आमंत्रित है इस दौरान यज्ञाचार्य शिवम् शास्त्री श्रीधाम वृंदावन, यज्ञ परीक्षत बब्बूराजा गुर्जर (गोटिया) कथा परीक्षत सुनीता अनुरूध सिंह गुर्जर ( बड़ेलला) एवं समस्त क्षेत्रवासियो मौजूद रहे