खरगोन में निकली अनोखी बारात, बैलगाड़ी पर दूल्हा, 35 ट्रेक्टरों पर बारातियों का काफिला लेकर दुल्हन ब्य्हाने पहुंचा युवक 

खरगोन में निकली अनोखी बारात, बैलगाड़ी पर दूल्हा, 35 ट्रेक्टरों पर बारातियों का काफिला लेकर दुल्हन ब्य्हाने पहुंचा युवक 

भोपाल :-मध्यप्रदेश के खरगोन में निकली एक बरात चर्चा का विषय बन गयी। दरअसल एक बरात के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमे दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर पीछे पीछे 35 ट्रेक्टरों पर बरात लेकर दुल्हन को ब्याहने पहुंचा। मिली जानकारी के अनुसार वायरल वीडियो खरगोन के बडवाह के पास बड़ेल ग्राम के हैं जहाँ के रहने वाले धीरज परिहार की शादी ग्राम की ही एक युवती के साथ ह्यु थी। युवक का मानना था कि जिस तरह भगवान् शिव ने नंदी पर सवार होकर बरात निकाली थी, उसी तरह वह भी कुछ अलग तरीके से बरात निकाले। इसी के लिए वह दूल्हा बनाकर बैलगाड़ी पर सवार होकर निकला और उसके पीछे बाराती 35 ट्रेक्टरों में सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे। दूल्हा धीरज पैसे से कास्तकार है, इसीलिए उस ने अपनी बरात अपने ही खेत से निकालकर दुल्हन के घर तक इस अनोखे ढंग से ले गया जो अब चर्चा का विषय बनी हुई है खरगोन जिले के बडवाह से 35 किलोमीटर बड़ेल ग्राम में ट्रैक्टर पर निकली बारात इन दिनों लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहाँ 35 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर दुल्हन को लेने पहुंचा था। इस अनोखी बारात में शामिल 35 ट्रैक्टरों पर सवार बारातियों के काफिले को देखकर हर कोई हैरान रह गया। दरअसल यह शादी बड़ेल गांव के निवासी धीरज पिता सीताराम परिहार की थी। दुल्हन भी बड़ेल गाँव के ही रहने वाले देवीसिंह काग की पुत्री भाग्यश्री थीं। धीरज की बारात बैलगाड़ी और एक डीजे संग 35 ट्रैक्टरों पर निकाली गयी थी। दूल्हा धीरज बैलगाड़ी पर आगे आगे चल रहा था, जिनके पीछे चल रहे 35 ट्रैक्टरों पर करीब 150 बाराती सवार थे। ट्रैक्टर के करीब एक किलोमीटर लम्बे काफिले के साथ निकली बारात को देख गांव में लोग भी हैरान रह गए इधर दूल्हे धीरज के पिता सीताराम परिहार का कहना है कि बीते एक महीने से वे धीरज की शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर और बैलगाड़ी ही एक किसान की पहचान होती है, इसीलिए उनके मन में विचार आया और ट्रैक्टरों की लम्बी बरात लेकर बेटे धीरज की बारात निकालने का प्लान बनाया। लेकिन धीरज की चाहत थी कि वह भगवान शिव की तरह नंदी पर सवार होकर निकले। इसलिए ट्रेक्टर के काफिले के आगे बेटे धीरज को दूल्हा बनाकर बैलगाड़ी पर सवार किया गया था। वहीँ दूल्हे धीरज ने बताया कि में अपनी शादी में कुछ अलग और अनोखा करना चाहता था, ताकि वह यादगार बन जाए इसलिए मेने विचार किया कि, जिस तरह भगवान शिव नंदी पर सवार होकर माता पार्वती को ब्य्हाने निकले थे, उसी तरह में भी बैलगाड़ी पर सवार हो गया और सभी बाराती लगभग 35 ट्रेक्टरों पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे

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